भारत के नए अंतरिक्ष नायक शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष में बढ़ाया देश का मान, बने ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय

 


राकेश शर्मा के बाद 41 साल में रचा नया इतिहास, Axiom Mission 4 के ज़रिए अंतरिक्ष की ऐतिहासिक उड़ान

राज्य ब्यूरो, लखनऊ | जून 2025
भारत ने एक और अंतरिक्ष की उड़ान में ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) तक सफल यात्रा कर भारत को फिर से विश्व मानचित्र पर अंतरिक्ष वैज्ञानिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। वे ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं।


🚀 प्रोफ़ाइल एवं शैक्षिक पृष्ठभूमि

  • पूरा नाम: शुभांशु शुक्ला

  • जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

  • शिक्षा:

    • सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

    • NDA (B.Sc., कंप्यूटर साइंस, 2005)

    • IISc बेंगलुरु से M.Tech. (एयरोस्पेस इंजीनियरिंग)

  • वायुसेना में सेवा: जून 2006 में कमीशन

  • पदोन्नति: मार्च 2024 में बने Group Captain


🌌 अंतरिक्ष अभियान की यात्रा

गगनयान मिशन से शुरुआत

शुभांशु को वर्ष 2019 में ISRO के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के तहत व्योमयान प्रशिक्षण कार्यक्रम में चुना गया। उनका चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) द्वारा हुआ। इसके बाद उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और ISRO के बेंगलुरु स्थित प्रशिक्षण संस्थान में कठोर प्रशिक्षण पूरा किया।

Axiom Mission 4 (Ax-4): ISS की ऐतिहासिक यात्रा

जून 2025 में शुभांशु ने SpaceX के Crew Dragon वाहन के ज़रिए Axiom Space के Ax-4 मिशन में हिस्सा लिया।

  • अंतरिक्ष में कुल 14 दिन का अभियान

  • Peggy Whitson (USA), Sławosz Uznański (Poland) और Tibor Kapu (Hungary) के साथ मिशन

  • ISS पर लगभग 60 वैज्ञानिक माइक्रोग्रैविटी प्रयोग किए गए


🌍 अंतरराष्ट्रीय सम्मान और सांस्कृतिक जुड़ाव

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें "भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक" बताया

  • NDA कमांडेंट ने कहा कि यह उपलब्धि देश के युवाओं को प्रेरणा देगी

  • अंतरिक्ष में बॉलीवुड गीत “यूँ ही चला चल राही” (स्वदेश) बजाकर शुभांशु ने भारतीय संस्कृति को भी विश्व पटल पर प्रस्तुत किया

  • उन्होंने सोशल मीडिया पर पत्नी डॉ. कामना और माँ के प्रति भावनात्मक संदेश लिखकर लाखों दिलों को छू लिया


✅ क्यों हैं शुभांशु शुक्ला भारत का गौरव?

पहलूविवरण
प्रथमांकअंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुँचने वाले पहले भारतीय
द्वितीयराकेश शर्मा के बाद 41 वर्षों में अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय
भविष्यगगनयान जैसे मिशनों के लिए रणनीतिक अनुभव और मार्गदर्शक की भूमिका
प्रेरणाNDA, IAF और ISRO जैसे संस्थानों के लिए प्रेरक उदाहरण

✨ निष्कर्ष

शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि केवल एक अंतरिक्ष उड़ान नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष विज्ञान, सैन्य कौशल और सांस्कृतिक मूल्यों का संपूर्ण प्रतिनिधित्व है। उन्होंने यह दिखा दिया कि अनुशासन, शिक्षा और संकल्प के बल पर भारतीय युवा अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

उनकी यह यात्रा आने वाले युवाओं और वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और भारत की अंतरिक्ष यात्रा को नए मुक़ाम तक पहुँचाएगी।

रिपोर्ट: राज्य ब्यूरो, लखनऊ
स्रोत: ISRO, Axiom Space, भारतीय वायुसेना

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