बिहार पुलिस को मिलेगी नई ताकत: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया ऐलान, साल के अंत तक भरे जाएंगे सभी स्वीकृत पद
28 जून को 21,391 नवनियुक्त सिपाहियों को सौंपे जाएंगे नियुक्ति पत्र, राज्य में बढ़ेगी कानून-व्यवस्था की पकड़
राज्य ब्यूरो, पटना | 28 जून 2025
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर घोषणा की कि बिहार पुलिस में स्वीकृत बल के अनुरूप सभी रिक्त पदों को वर्ष 2025 के अंत तक भर दिया जाएगा। इस कदम से राज्य में अपराध नियंत्रण को नई दिशा मिलेगी और शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पुलिस की मौजूदगी और सक्रियता में इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि शनिवार, 28 जून को बापू सभागार में आयोजित समारोह में 21,391 नवनियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने इस दिन को बिहार के युवाओं और पुलिस व्यवस्था के लिए "बेहद महत्वपूर्ण" बताया।
कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता, नियुक्तियों की रफ्तार तेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित करना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। उन्होंने याद दिलाया कि जब 24 नवंबर 2005 को राज्य में नई सरकार बनी, उस समय बिहार पुलिस में कुल बल की संख्या मात्र 42,481 थी। इसके बाद 2006 से निरंतर प्रयास कर पुलिस बल की संख्या में बढ़ोतरी की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा,
"हमारी सरकार ने तय किया है कि पुलिस बल को और सशक्त किया जाए। अब तक 2.29 लाख से अधिक पदों का सृजन किया जा चुका है और तेजी से नियुक्ति प्रक्रिया चलाई जा रही है।"
नियुक्तियों की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं
मुख्यमंत्री नियमित रूप से विधि-व्यवस्था की समीक्षा बैठकों में पुलिस बल की बहाली की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। वे कई मौकों पर मंच से ही गृह सचिव और डीजीपी को निर्देश दे चुके हैं कि नियुक्तियों में कोई देरी न हो।
इससे पहले भी गांधी मैदान में आयोजित बड़े कार्यक्रमों में नियुक्ति पत्रों का वितरण किया गया है। नीतीश कुमार का जोर इस बात पर भी रहा है कि पुलिस की गश्त बढ़े और वरिष्ठ अधिकारी खुद इसका निरीक्षण करें।
मुख्य बिंदु:
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पुलिस में सभी स्वीकृत पदों की नियुक्ति इस साल के अंत तक पूरी होगी।
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21,391 सिपाहियों को आज नियुक्ति पत्र मिलेंगे।
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2.29 लाख से अधिक पदों का सृजन कर बहाली प्रक्रिया जारी।
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मुख्यमंत्री का निर्देश: नियुक्तियों में तेजी और गश्त में सख्ती लाएं।
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कानून-व्यवस्था सुदृढ़ रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पहल को बिहार की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। उम्मीद है कि नई भर्तियों के साथ राज्य में अपराध पर लगाम लगेगी और आम जनता को अधिक सुरक्षित माहौल मिलेगा।

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