वरिष्ठ अधिवक्ता अम्बर इमाम हाशमी कोर्ट से गिरफ्तार, वकीलों का विरोध प्रदर्शन
दरभंगा, बिहार — दरभंगा व्यवहार न्यायालय में शुक्रवार को एक असाधारण स्थिति उत्पन्न हो गई जब एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर के आदेश पर वरिष्ठ अधिवक्ता अम्बर इमाम हाशमी को अदालत कक्ष से ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हाशमी पर 32 वर्ष पुराने एक ट्रिपल मर्डर केस में गंभीर आरोप हैं।
क्या है मामला?
वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर हाशमी ने कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए फॉर्म 117 भरते हुए यह बताया कि वे जिले से बाहर हैं। लेकिन कुछ ही समय बाद वे उसी अदालत में एक अन्य मामले की बहस के लिए उपस्थित हो गए। इस पर एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर ने सवाल किया, "आप तो अवकाश पर थे, फिर यहां कैसे?" जवाब संतोषजनक न होने पर अदालत ने तत्काल उन्हें हिरासत में लेने और जेल भेजने का आदेश दे दिया।
32 साल पुराना मामला फिर चर्चा में
जिस मामले में गिरफ्तारी हुई, वह एक त्रि-हत्या कांड (ट्रिपल मर्डर) से जुड़ा है, जिसमें हाशमी और उनके दो भाइयों पर गंभीर आपराधिक आरोप लगे थे। वर्षों से मामला विचाराधीन था और अब अदालती कार्यवाही में गति आई है।
वकीलों में नाराज़गी, न्यायिक कार्य ठप
हाशमी की गिरफ्तारी के बाद दरभंगा न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों ने इस कार्रवाई को "न्यायपालिका के इतिहास का काला दिन" बताया और कहा कि जब तक बिना शर्त रिहाई नहीं होती, वे सभी न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव रंजन ठाकुर ने कहा:
"इस एसोसिएशन की स्थापना 1906 में हुई थी। तब से आज तक किसी अधिवक्ता के साथ ऐसा अन्यायपूर्ण व्यवहार नहीं हुआ। यह पहली बार है कि जिला जज और एडीजे ने इस तरह की कार्रवाई की है।"
कौन हैं एडीजे सुमन कुमार दिवाकर?
एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर हाल ही में भी चर्चा में रहे हैं जब उन्होंने भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव को अलीनगर प्रकरण में दो वर्ष की सजा सुनाते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा था। अपनी सख्त कार्यप्रणाली के लिए वे न्यायिक महकमे में चर्चित हैं।

Comments
Post a Comment