रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों की किराया छूट नीति में किया बदलाव, अब सिर्फ ज़रूरतमंदों को मिलेगा लाभ
नई दिल्ली – भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली किराया छूट को लेकर एक अहम बदलाव किया है। अब यह छूट केवल उन्हीं बुजुर्ग यात्रियों को मिलेगी जो वास्तव में इसके हकदार हैं, जैसे विकलांग, गंभीर बीमारी से पीड़ित या आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ नागरिक। रेलवे का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य सरकारी सब्सिडी का सही उपयोग सुनिश्चित करना और वित्तीय बोझ को कम करना है।
कैसे मिलेगा किराए में लाभ?
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ऑनलाइन बुकिंग: IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए टिकट बुक करते समय पात्र यात्री छूट का विकल्प चुन सकते हैं।
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काउंटर बुकिंग: रेलवे टिकट काउंटर पर टिकट लेते समय पात्रता साबित करने वाले दस्तावेज दिखाना अनिवार्य होगा।
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डेटाबेस और रजिस्ट्रेशन: छूट केवल उन्हीं लोगों को मिलेगी जिनकी जानकारी रेलवे के डेटाबेस में पहले से दर्ज है या जिन्होंने नया रजिस्ट्रेशन कराकर खुद को पात्र घोषित किया है।
बदलाव की वजह क्या है?
रेलवे मंत्रालय के अनुसार:
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कोविड महामारी के बाद रेलवे की आमदनी में भारी गिरावट आई है।
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हर साल हजारों करोड़ रुपये की सब्सिडी वरिष्ठ नागरिकों को दी जाती थी, जिससे वित्तीय दबाव बढ़ रहा था।
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अब लक्ष्य आधारित छूट नीति के तहत केवल ज़रूरतमंदों को ही लाभ दिया जाएगा ताकि सरकारी संसाधनों का अधिक न्यायसंगत उपयोग हो सके।
जनता की प्रतिक्रिया
रेलवे के इस निर्णय को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है:
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कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम छूट के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।
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वहीं, कई वरिष्ठ नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस बदलाव को असंवेदनशील और भेदभावपूर्ण बताया है।
आगे की योजना
रेलवे मंत्रालय इस नई व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। भविष्य में योजना से संबंधित सभी अपडेट IRCTC की वेबसाइट और रेलवे के पोर्टल पर जारी किए जाएंगे।
निष्कर्ष
भारतीय रेलवे की यह नई नीति उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभकारी होगी जो वास्तव में आर्थिक या स्वास्थ्यगत कारणों से सहारे के पात्र हैं। हालांकि, सभी बुजुर्गों को समान छूट न मिलने से कुछ असंतोष भी देखने को मिल रहा है। यदि आप पात्र हैं, तो जरूरी दस्तावेज़ों को समय रहते अपडेट करें और अगली यात्रा में इस सुविधा का लाभ उठाएं।

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