पटना में इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता क्रेज: हर महीने बिक रहे 400 से अधिक ई-स्कूटर, युवाओं में बढ़ी डिमांड
राजधानी पटना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के बीच अब लोग इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर को एक स्मार्ट, बजट-फ्रेंडली और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। पहले जहां बाइक या स्कूटर खरीदना केवल सुविधा से जुड़ा फैसला होता था, वहीं अब युवा पीढ़ी इसे स्टाइल और स्थिरता का प्रतीक मान रही है।
हर महीने बिक रहे 300 से 400 ई-स्कूटर
पटना में हर महीने औसतन 300 से 400 इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बिक रहे हैं। Ampere, Hero, MotoCorp, TVS iQube, Ola, Bajaj, Ather और Okinawa जैसे ब्रांडों के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सबसे ज्यादा डिमांड में हैं। यह ट्रेंड सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि स्मार्ट जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है।
युवाओं की पहली पसंद क्यों बन रहा है ईवी?
पेट्रोल की कीमतें जहां 100 रुपये प्रति लीटर के पार जा चुकी हैं, वहीं एक इलेक्ट्रिक स्कूटर को फुल चार्ज करने में महज 15-20 रुपये खर्च होते हैं, जिससे यह 70 से 120 किमी तक चल सकता है। यदि औसतन मासिक राइडिंग 800-1000 किमी की हो, तो एक उपभोक्ता पेट्रोल वाहनों की तुलना में हर महीने 500 से 700 रुपये की बचत कर सकता है।
साथ ही ईवी में इंजन ऑयल, चेन टाइटनिंग या सर्विसिंग की जरूरत नहीं होती, जिससे मेंटेनेंस लागत भी बेहद कम हो जाती है।
सरकारी सब्सिडी ने बढ़ाया उत्साह
बिहार सरकार की ईवी पॉलिसी 2023 और केंद्र सरकार की FAME-II योजना ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को और रफ्तार दी है। राज्य सरकार रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस पर 7,500 रुपये तक की छूट दे रही है, जबकि केंद्र सरकार बैटरी क्षमता के आधार पर 45,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। यह छूट पहली बार ईवी खरीदने वालों को दी जाती है और विशेष रूप से छात्रों व नौकरी की शुरुआत कर रहे युवाओं के लिए लाभकारी है।
पटना में बढ़ रही चार्जिंग की सुविधाएं
शहर में अभी करीब 15 से 20 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन सक्रिय हैं। इनमें प्रमुख चार्जिंग पॉइंट होटल पनाश, ओला सेंटर (दानापुर), शंकर मोटर्स और पीएंडएम मॉल शामिल हैं। हालांकि ईवी विक्रेताओं का कहना है कि हर 25 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए, जबकि वर्तमान में विस्तार की गति धीमी है।
पटना में सबसे ज्यादा ईवी बिक्री
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरे बिहार में करीब 88 हजार इलेक्ट्रिक वाहन बिके, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 96 हजार पहुंच गई। इनमें सबसे अधिक हिस्सेदारी राजधानी पटना की रही। वर्तमान में शहर की सड़कों पर लगभग 20 हजार इलेक्ट्रिक स्कूटर-बाइक्स और चार हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें चल रही हैं।
ईवी: पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प
इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण दोनों से मुक्त होते हैं। खासतौर पर पटना जैसे प्रदूषित शहरों में यह एक सकारात्मक पहल साबित हो सकता है। युवा पीढ़ी न केवल अपनी सुविधा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दे रही है।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अब सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत और स्टाइल का हिस्सा बन चुके हैं। सब्सिडी, कम मेंटेनेंस, कम लागत और पर्यावरण-संवेदनशीलता जैसे कारणों से पटना में ईवी की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार यदि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करे, तो यह ट्रेंड और भी रफ्तार पकड़ सकता है।

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